1. ग्राह्य संकेत (तथा समस्वरित परिपथ की भी) आवृत्ति है। 2. इस संसूचक को एक एंटेना तथा एक समस्वरित परिपथ ( 3. इन्हीं प्रेरकत्वों एवं संधारित्रों के संयोग से समस्वरित परिपथ की रचना होती है। 4. इन्हीं प्रेरकत्वों एवं संधारित्रों के संयोग से समस्वरित परिपथ की रचना होती है। 5. जहाँ (L) प्रेरक का प्रेरकत्व (inductance), (C) संधारित्र की धारिता (capacity) तथा (f) ग्राह्य संकेत (तथा समस्वरित परिपथ की भी) आवृत्ति है। 6. इस संसूचक को एक एंटेना तथा एक समस्वरित परिपथ (tuned circuit) से संयुत कर प्रथम रेडियो संग्राही का निर्माण किया गया था। 7. २. वांछित आवृत्ति का चयन कर सकने की क्षमता इसमें पर्याप्त होती है, क्योंकि समस्वरित परिपथ को उस आवृत्तिविशेष के लिए समस्वरित किया जा सकता है। 8. २. वांछित आवृत्ति का चयन कर सकने की क्षमता इसमें पर्याप्त होती है, क्योंकि समस्वरित परिपथ को उस आवृत्तिविशेष के लिए समस्वरित किया जा सकता है। 9. इस प्रकार समस्वरित परिपथ केवल उसी आवृत्ति के संकेतों का वरण कर ग्रहण करता है जो उसकी आवृत्ति के तुल्य हैं शेष को छाँटकर विलग कर देता है। 10. इस प्रकार समस्वरित परिपथ केवल उसी आवृत्ति के संकेतों का वरण कर ग्रहण करता है जो उसकी आवृत्ति के तुल्य हैं शेष को छाँटकर विलग कर देता है।